BHOJPURI SPEECH
ग्रामीण मेला
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ग्रामीण लोगन के खातिर ग्रामीण मेला के बहुत महत्व बाटे। आयोजन देश के प्रत्येक भाग में होखेल्न। एइसन मेला प्रायः धार्मिक अवसर पर लगावल जाला। इ मेला के लगावे के प्रायः धार्मिक स्थल होला। यहां पर दूर आ पास के लगा जमा होखेल्न। ग्रामीण मेला इ दूर आ पास के लोगन के पूर्ति करेलन। उ लोगन यहां हर प्रकार के सामान खरीद सकेलन। जैसे - मिठाई , प्रसाद , खिलौना, आदि। उनका गांव में सब प्रकार के सामान उपलब्ध न होला जेकर पूर्ति उ मेला में खरीद के करेलन।
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ग्रामीण मेला में दूर आ नजदीक के बेपारी आपन सामान बेचे खातिर आवेलन। दुकान कटर में सजीला लागेला। ई दुकान एगो खाश अब्धि खातिर लगावल जला। ई स्थायी नईखे हो हो सकत। ई खास अब्धि बेचे वालन आ ख़रीदे वालन खातिर बहुत मह्त्वपूर्ण होला। बेचेवाला के खातिर आपन ख़राब चीज भी बेचे के भी सुनहरा मौका मिल जला।
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ग्रामीण मेला स्त्रियों एवं लइका के खातिर बरी आकर्षक होला। उ लोग जीवन के एकरसता से निजात पावे के खातिर ई अवसर प्राप्त करेलन। स्त्रियाँ प्रायः घर के अंदर बंद रहेलन। उनकर जीवन उबाऊ हो जला। ु मन ऊ मन बहलब करे के खातिर मेला भर्मण करे के जाली। लइका लोग मेला जाइये के खातिर बरी उत्शुक रहेलन। वहां ओ बिभिन्न प्रकार के खिलौने ख़रीदेलन। सर्कस नौटंकी और कई प्रकार के साधन भी मेला उपलब्ध रहेला।
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ई मिले जुले के भी स्थान होखेला। लोग दूर आ पास से आवेलां। उनकर मुलाकात सम्बन्धो आ मित्रों से हो जाला। ऐसे उनकर आपसी मिलान इतना आसान न होला जितना की मेला में मिले के अवसर में होला।
में ग्रामीण मेला के महत्व कम कर देल गइल बा। प्राचीन समय में ई बड़ा लाभदायक रहे। बड़ा महत्व रहे।
अतः ग्रामीण मेला वास्तव में चीज़ बाटे। ई मिले के खातिर , प्रचार करे के खातिर , एवं मनोरंजन के खातिर अच्छा जगह बटे। ई उधोयोग आ व्यवसाय बढ़ाबा देवेला।
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