Friday, March 20, 2020

दुर्गा पूजा व दशहरा (विजया दशमी ) Bhojpuri artical Speech

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दुर्गा पूजा व दशहरा (विजया दशमी ) 

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सब से पहले हम इहाँ आइल सभे  माई-बहिन आ  भाई -बंधू  के हाथ जोर के प्रणाम करतानी।  आज बरी ख़ुशी के बात की हमके यहां कुछ बोले/गावे  के मौका मिलल बा,  सबसे पहले हम उनका धन्यवाद दे तानी जे हमके एतना बर  जगह/मंच  पर कुछ बोले के मौका देले बारन।  रउवा लोगन से विनती करतानी की ई चाँद शब्द  में हमनी  कउनो गलती होइ त आपन नादान लइका समझ के छमा करेम। 

आपन हिन्दू लोगन में बहुते पर्व-त्वयाहर बा।  जेकर  कबनों ने कबनों रूप में बहुते महत्त्व बा, कहे की सब पर्व आ तेव्हार से हमनी के  नया जीवन के साथ-साथ बहुते सारा आनन्दो  प्राप्त होखेला ।  हम एकरा से प्रेम आ भाई चार के भाबना भी करिले आ आपन जीवन के प्रगति पथ पर आगे बढाबिले।  ई पबनी त्यौहार से हम सच्चाई, आदर्श आ नैतकता सीखतानी।  ई पावन-त्यौहार हमर अतीत के गौरब आ ओकर मोल के जागरण  देवेला।  ई से हम धन्य आ कृतज्ञ होखिले।  हम हिन्दू के पवित्र पावैन में होली,रक्षाबंधन, दीवाली के नियर दसहरो के भी एक महान पावैन के दर्जा देहल गइल बा।  एकरा के सभे हिन्दू बड़ा ही उत्साह आ उल्लास के साथ मानबेला। एकरा के विजयदश्मियो कहल जला।
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                दसहरा मानबे के कारन ई बा की ऍह दिन महँ पराक्रमी आ मर्यादा परुषोत्तम श्री राम जी महा प्रतापी राजा लंका नरेश के मार्ले/हरवले  रहे मने राबन के अंत क के लंका पर विजय प्राप्त कबले कबले  रहलन।
इहे ख़ुशी में ई पावन के हरेक साल आसीन महीना के शुक्ल पक्ष दसमी में बारे धूम  मनोबल जला।  दसहरा के ई त्यौहार मानबे के पीछे किछो औरो कारन भी देखे के मिलेला।
               बंगाल में यानि उत्तर पूरबी भारत में भारत  के जइसन श्री राम के यद् में    उ लोगन दसहरा नहीं मानबेला ।  वोहा शक्ति -शाली  माता दुर्गा के सम्मान आ श्रद्धा हेतु  ई पावैन के मनोबल जाला।
उ लोगन के ई मनसा बा की इहे दिन माता दुर्गा कैलाश  पर्वत के एम्हर  गइल रहली।
इहे खातिर लोग मई दुर्गा के याद में रत भर पूजू , उपासना आ अखंड जाप करेलन।  नौरात्रि आवे तक लोग मई के मूर्ति के खुबसुरा ढंग से सजा धजा के रखलन आ भजन कीर्तन करेला।
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                ई त दसहरा के पावैन त राम राबन के यूद्ध से ही जुरैल बा।  एकरा के पर्दर्सित करे के खातिर रामलीला के आयोजन कइल जला।  आ दसमी के दिन राम राबन के परस्पर यूद्ध के दिखाबल जला।  ई लीला के देख के जहाँ भक्त  जन के भक्ति - भावना- भावना उत्पन होखेला, उहे उ दुष्ट  प्रति क्रोध भी जागेला।
                ई पावैन के दिन पूरा गांव जवार में हलचल  मचल रहेला।  गजर में मेला के दृश्य दिखयी देवेला।  मातवर  गरीब लोग आपन -आपन छमता के अनुसार खरीददारी करेलन।  लइका बच्चा ई में सबसे अधिक खुश रहेलन आ बहुते आनंद लेबेला।  ई पाबैन हमर सभ्यता आ संस्कृति के प्रतीक बा।  हमनी के आपन सभ्यता संस्कृति के जिन्दा रखे के खातिर एकरा के धूम धाम से मानबे के चाही।  ी से  प्राचीन सभ्यता आ बिचार धरा कायम रहेला। तभिये त हमर आवे वाला पीढ़ी एकरा के मानबे में हिचकिचे नाही।
               अब हम अतनाही शब्द कहके आपन बानी के विराम दे तानी धन्यवाद
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हमारे समाज में का स्थान भारतीय नारी

 हमारे समाज  में का  स्थान   भारतीय नारी  


सब से पहले हम इहाँ आइल सभे  माई-बहिन आ  भाई -बंधू  के हाथ जोर के प्रणाम करतानी।  आज बरी ख़ुशी के बात की हमके यहां कुछ बोले/गावे  के मौका मिलल बा,  सबसे पहले हम उनका धन्यवाद दे तानी जे हमके एतना बर  जगह/मंच  पर कुछ बोले के मौका देले बारन।  रउवा लोगन से विनती करतानी की ई चाँद शब्द  में हमनी  कउनो गलती होइ त आपन नादान लइका समझ के छमा करेम। 


पहले के समय में हेमर समाज मर्द से बसै औरत से मंत रहे।  एगो अइसन समय रहल रहे की बाबू जी के नाम के बदले लोग माई के ही नाम से जानल जात रहे।  धर्म द्रष्टा मनु नारी के पूजनीय आ श्रद्धामई मानले आ पर्दर्सित कइले बारन।           

 'यत्रनार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवताः।

 'माने जहाँ नारी  पूजा होखेला , उहाँ देवता रमन करेलन,  अर्थात निवास करेलन।  लाहे-लाहे लामय के आर के चलते नारी दसा में ढेर अपूर्ण परिवर्तन भइलबा।  उ आब नर में न रहके उनका समकक्ष श्रेणी में आ गइल।  यदि पुरुष आपन घर परिवार के दायित्व सम्हाल लेलेबा त घर के सारा कार्य के बोझ नारी उठाबे का सुरु कर देले बा।  इहे कारन बस नर आ नारी में काफी अंतर आ गइल बा।    अइसन होब्ला के बाद भी प्राचीन कल के नारी हिन् भाबना के प्रत्याग कइके स्वतंत्र आ आस्वस्त भई के आपन व्यकित्व के  सुन्दर और आकर्षक निर्माण कइलेवा।  पंडित मिश्रा के मेहरारू द्वारा शंकराचार्य जी के परास्त होखे के साथ-साथ गार्गी, मैत्रयी, विधओमता आदि विदुषयो के नाम इहे श्रेणी में उल्लेखनीय बाटे। 

              समय के बदलाब के साथ - साथ अब नारी-दशा में बहुते परिबर्तन हो गइल बा।  यो ते नारी प्राचीन कल से अब तक भार्या के रूप में रहले बरी।  एकरा खातिर उ गृहतः काज खातिर बिबस कइल गइल।  जैसे - भोजन बनाबल , लइका बच्चा के देखभाल कइल, आपन पिया के सेवा कइल  आदि।  पिया के भूख के शांत करे खातिर विवश भइल अमानवता के शिकार बनके क्रय विक्रय के बस्तु भी बनल एंकर जीवन के विशेष अंग बन गइल रहे।  


                क्षिक्षा के प्रचार प्रसार के फलस्वरप अब नारी के उ दुर्दशा नइखे।  जे की अंधविस्वाशीयो, अज्ञान विचारधार  फलस्वरूप  रहे।  नारी के नर के सामानांतर  में लाबे  के खातिर समाज के चिंतक लोग ई दिशा में सोचल सुरु कर देले बरन।  

               Thank You So Much

ग्रीष्म ऋतु Bhojpur artisal Speech


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         xzh’e dky esa nqigfj;k esa lqra ds etk vk ufn esa rSjs ds etk dqN vyxs ckA o{kkjksiu ds lgk;rk ls ge xk¡o&tokj esa 'khry Nk;k ds O;oLFkk dj ldrkuhA b esa ge lc ds lg;ksx ds t:jr ckA txg txg ij tydqi cukds ge ge xehZ ls cp ldrkuhA geuh yksxu ds ikuh ds vf/kd ls vf/kd cpko djs ds pkfgA ukfg r vkos okyk fnu esa Hk;kue xehZ ds lkeuk djs ij ldsykA geuh yksxu ds b lc ckr ds le>s vkSj yksxu ds chp le>kos ds pkghA           
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ग्रीष्म ऋतु 

Lyrics Bhojpuri Sambodhan in Hindi

मंच सम्बोधन 

सब से पहले हम इहाँ आइल सभे  माई-बहिन आ  भाई -बंधू  के हाथ जोर के प्रणाम करतानी।  आज बरी ख़ुशी के बात की हमके यहां कुछ बोले/गावे  के मौका मिलल बा,  सबसे पहले हम उनका धन्यवाद दे तानी जे हमके एतना बर  जगह/मंच  पर कुछ बोले के मौका देले बारन।  रउवा लोगन से विनती करतानी की ई चाँद शब्द  में हमनी  कउनो गलती होइ त आपन नादान लइका समझ के छमा करेम। 


 सोसल मिडिया सम्बोधन 

नमस्कार प्रणाम हम ,,,,,,,,,,,,,, कुमार ,  रउवा सबके दिल से धन्यवाद दे तानी की हमके इतना उचाई पर पहुँच देलेवानी। हम रउवा लोगन के आभारी वाणी बस असहि ई छोट बेटा पर प्यार दुलाड़ उतावत रही।  हमर एगो नया गीत /फिलम आ रहल बा   .......   हम चाहा तानी  की जे तरह हमरा सब गीत / फिलम के ढेर सारा प्यार दुलार  देलेवानी बस  ओसही हमर ई फिलम/ गीत के भी ढेर सारा प्यार दुलार मिली। धन्यवाद।  


सायरी 

*महफ़िल भी रोएगें , हर दिल भी रोएगा ।डूबी जो मेरी कश्ती साहिल भी रोएगा।।इतना प्यार बिखर देगें जवाने में।की मेरी मौत में मेरा कातिल भी रोएगा।।


*हर इंसान दिल का बूरा नहीं होता ।
हर कोई इंसान बेवफ़ा नहीं होता ।।
बुझ जाता है दीपक अक्सर तेल के बिना।
हर बार कसूर हवा की नहीं होती।।

*कोई लड़की हमे ठुकरा दी हमे कोई ग़म नहीं।
अरे डूब मरे वो लड़की जिसके किस्मत में हम नहीं।।

*यादों की सिलसिला भी क्या खूब है।
कभी तन्हा तो कभी मजबुर है।।
बेबसी तो देखिए इस दिल की।
हम जिसे याद करते है वहीं हम से दूर है।।

*किसी को दिल तो किसी को दिलदार मिले।
किसी को फूल तो किसी को बाहर मिले।।
किसी को खुशी तो किसी को प्यार मिले।
पर हमें हर जनम का आपका साथ मिले।।

*आंखो के जुवान य आंसू कहते हैं।
जो चुप रहते है फिरभि बहते है।।
इन आंसुओ की बेबसी तो देखिए।
ये उनके लिए बहते हैं जो इनके आंखो में बहते हैं।

 *मेरेजिंदगी की ज्योति जो तुम ।
मैं दिया हूं और बाती  हो तुम।।
मेरे दिल को चैन फिलती हो तुम।
क्या कहें बहुत सताती हो तुम।।

*मेरी खता तुम नाराज मत होना ।
कागज़ लगे पलकों को अंसुओ से मत धोना।।
सुकून मिलता है तेरी मुस्कुराहट देख कर ।
मेरी मौत भी आए तो तुम मत रोना।।

*दीप जलते रहे जगमगाते रहे।
हम तुम्हे हमेशा याद आते रहे।।
जबतक जिंदगी है दुआ है मेरी।
आप फूलों के तरह हमेशा मुस्कुराते रहे।।

*चांद तारों की नुर आप पर बरसे ।
हर कोई आपके प्यार को समझे।।
आपकी जिंदगी में आए इतनी खुशियां।
की आप हमेशा गम को तरसे।।

*आंसू तेरी निकले तो आंख मेरी हो।
दिल तेरा धड़के तो धड़कन मेरी हो।।
खुदा करे की मेरे प्यार में इतनी ताकत हो।
की कब्र तेरी हो और लाश मेरी हो।।

*खुदा की रहमत सारे संसार पे बरसे।
मेरे हिस्से की रहमत तेरे जान पे बरसे।।
ए खुदा मुझे बना देना पानी।
अगर मेरी जान कभी प्यार को तरसे।।

*रात ढली दिन आ गया।
अभी बैठे है ये तारों के छाओ में।।
चांद को देखा और आपकी याद आ गया।।

*तेरा साथ गुजरा लम्हा जब भी याद आएगा।
इस जनम के बाद भी तेरा ख्याल आए।।
अगर बक्सी खुदा ने जिंदगी बार बार ।
तो ये दिल हर जनम में आपके साथ रहेगा।।


ऑडियो सायरी सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
https://youtu.be/N-7CpNz7f9Y

https://youtu.be/0nfnw_l99NQ

चाहे तो दिल से हमको मिटा देना।
चाहे तो हमको भुला देना।।
लेकिन ये वादा करो।
आए जब भी याद हमारी।।
रोना मत सिर्फ मुस्कुरा देना।


किस्मत पे ऐतवार किसको है।
मिल जाए खुशी इनकार किसको है।।
कुछ मजबूरियां है जिंदगी में यार।
वर्ना जुदाई से प्यार किसको है।।


होती नहीं मोहब्बत सूरत से।
मोहब्बत तो दिल से होती है।।
सूरत उसकी खुद से हीं प्यारी लगती है।
कद्र जिसकी दिल में होती है।।


कोई साम आती है तेरी याद लेकर।
कोई साम जाती है तेरी याद देकर।।
मुझे तो इंतजार है उस साम की।
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर।।






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